Transpirancy International India के ताज़ा सर्वेक्षण यही कहते है ......१८० देशों में कराये गए इस सर्वेक्षण में भारत पिचले साल की तरह इस साल भी ३.४ अंक के साथ ४८वे नम्बर पे बना हुआ है......जबकि इसी सर्वेक्षण में साल २००७ में ३.५ अंक के साथ ये ७२वे स्थान पर था !
वाह क्या प्रगति है पासिंग मार्क तो मिल ही गए हमें इससे
ज्यादा क्या चाहिए ???????????? पप्पू कांट डांस साला ..........इतने कम नबर पे डांस कैसे कर सकता है......
कभी लालू यादव का चारा घोटाला तो कभी मधु कोड़ा का चार हज्जार करोड़ का घोटाला हो .......ये सभी समर्थ हैं भारत में फैले भ्रस्टाचार को बयान करने के लिए .......मीडिया में पर्दाफास होने के बावजूद इन सभी का कुछ नहीं बिगड़ता ....क्योंकि पूरा सरकारी तंत्र ही भ्रस्टाचार रुपी कैंशर का शिकार है............
जब कोई नेता अचानक ऐशे केश में पकड़ा जाता है तो कुछ दिन मामला उठापठक में रहता है इशके
बाद ठंढे बस्ते में चला जाता है और फिर क्या होता है सब जानते है..........
हमें यानि जनता को जागरूक होना होगा तभी अपने द्वारा दिए गए टैक्स को अपने हित में प्रयोग कर पाएंगे !
"तुमको मंजिल की अपने छह नहीं, जा रहे हो जिधर राह नहीं
कितने महलों को कर गयी खान्दर, बेअसर है वो असरदार नहीं
जिसमे थंधक थी ऐतबार भी थी अब वो पहले सी क्यों निगाह नहीं"
कितने महलों को कर गयी खान्दर, बेअसर है वो असरदार नहीं
जिसमे थंधक थी ऐतबार भी थी अब वो पहले सी क्यों निगाह नहीं"
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