सलमान खान, जान अब्राहम, आमिर खान ये कुछ नाम हैं जिन्हें लोग न सिर्फ एक कलाकार के रूप में जानते हैं बल्कि उनकी आकर्षक बॉडी के लिए भी जानते हैं। कई युवा इनके जैसी बॉडी बनाने की ख्वाहिश लेकर जिम तो पहुंचते हैं पर बिना बॉडी बनाए निराश होकर लौट जाते हैं। आज युवा जंक्शन में आपको मैं बताता हूं कि आखिर क्यूं नहीं बना पाते युवा जिम में बॉडी।
अक्सर जिम ज्वाइन करने वाले युवा बंदे के जिम में प्रवेश करते ही उसे ऐसे लोग नजर आते हैं जो बड़े-बड़े डंबल से व्यायाम कर रहे होते हैं। उनके सामने छोटा डंबल उठाने में उस नए व्यक्ति को शर्म आती है। पर वह बड़ा वेट उठा नहीं सकता क्योंकि उसमें इतनी शक्ति (स्टेमना) नहीं होती। ऐसे में वह ट्रेनर के पास जाकर अपने डाइट के बारे में पूछता है जवाब में उसे बॉडी सप्लीमेंट के रूप में एक सलाह मिलती है। पर रिजल्ट दो दिन में तो नहीं बदल सकता।
बेचारा युवा निराश होकर हतोत्साहित भरे मन से जिम में व्यायाम शुरू करने के बाद शुरू हुई पीड़ा से कराहकर अलविदा हो जाता है। यही कारण है कि बहुत सारे युवा जिम में न तो बॉडी बना पाते हैं न ही अपने को स्वस्थ रखने के लिए एक जरूरी व्यायाम कर पाते हैं। हां कुछ युवक ऐसे भी हैं जो जिम लड़कियां देखने के मकसद से आते हैं। जिम में व्यायाम के बजाय अपनी बातों और अदाओं से लड़कियों को रिझाने के प्रयास में समय बिताकर चले जाते हैं। पर भइया! सिर्फ जिम में जाने से बॉडी नहीं बन जाती न ही उसका तब तक कोई फायदा होता है जब तक कि उसके लिए आपके मन में समर्पण न हो।
जब ये सब बता दिया तो आइए ये भी ज्ञान ले लीजिए जब आप जिम ज्वाइन करें तो सिर्फ मन में ये ठान लें कि नियमित तौर पर एक निश्चित समय पर जिम जाएंगे। व्यायाम की शुरुआत ट्रेनर के कहे अनुसार छोटे डंबल और कम वेट से करें। अपने पूरे व्यायाम का एक चार्ट तैयार करें। अगर आप प्रोफेशनल तौर पर बॉडी नहीं बनाना चाहते तो एक दिन में सिर्फ एक बॉडी पार्ट करें। एक सप्ताह में छह दिन का शेड्यूल तैयार करें। इसमें बैक, शोल्डर, चेस्ट, बाईसेप्स, ट्राईसेप्स और लेग्स शामिल होने चाहिए। रविवार का दिन आराम का होना चाहिए। इन सभी बॉडी पार्ट के साथ 15 से 20 मिनट का समय एब्स को दें। ऐसा करके आप भी आदर्श काया के धनी हो सकते हैं।
अब आइए आपको कुछ ऐसी घटनाओं से रूबरू करवाते हैं जिससे पता चलता है कि युवा जिम के प्रति कितनी गंभीरता दिखाता है। जब ओम शांति ओम आई तो नौजवानों के अरमानों को एक प्रेरणा मिली हर कोई शाहरुख जैसी बॉडी बनाने को बेताब नजर आने लगा। आप को जानकर हैरानी होगी इस फिल्म के रिलीज होने के दो तीन दिन बाद मेरे जिम में खड़े होने की जगह नहीं बची। मैंने अपने ट्रेनर से सवाल किया भाई पिछले दो दिनों में यहां कितने नए बॉडी बनाने के इच्छुक नौजवानों ने प्रवेश लिया? जवाब मिला 120। इस सवाल और इसके जवाब के बीच आई यह संख्या यह बताने के लिए पर्याप्त है कि बॉडी बनाने की चाहत रखने वाले किस कदर देश भर के जिम में उस समय सिक्स पैक्स की चाहत लेकर पहुंचे।
मात्र दो दिन में जिम की कमाई अपने सारे पिछले रिकॉर्ड तोड़ चुकी थी। पर इस रिकॉर्ड के जश्न के थमने से पहले इस संख्या में से 80 फीसदी लोग जिम से डिसअपीयर हो गए। कारण ये था कि उन्हें व्यायाम की महिमा समझ में आ गई साथ ही शाहरुख की मेहनत का अंदाजा भी उन्हें लग गया। कुछ ने तो इसी दौरान यह भी प्रतिक्रिया दी कि हमें कौन सा फिल्म में हीरो बनना है, तो कुछ ने यह कहकर जिम को अलविदा कहा कि भाई हम तो खाते पीते घर के लोग हैं हम क्यों अपनी सेहत खराब करें।
खैर समय बीता धारणाएं बदलीं, शाहरुख के सिक्स पैक्स का जादू भी लोगों में उसी तरह बासी हो गया जैसे कि दो दिन पहले बना खाना रेफ्रीजरेटर में न रखने से बासी हो जाता है। यह बात यहां समझ में आई की आज का युवा पाना सबकुछ पाना चाहता है पर उसमें उसे मेहनत न करना पड़े उसकी यह पहली शर्त होती है। बॉडी बनने पर किस तरह से पर्सनालिटी निखरती है इसका अहसास युवाओं को तब होता है जब वे किसी फिल्म में किसी हीरो के डोले-सोले से साक्षात्कार करते हैं। पर अब इन फिल्म वालों को कौन समझाए कि इससे हमारे युवाओं को कितनी मुश्किल उठानी पड़ती है।
ओम शांति ओम के बाद एक और खान ने नए बॉडी को तरासकर गजनी फिल्म के माध्यम से लोगों के सामने परोस दिया। पर इस बार जिम वाले सतर्क हो गए थे उन्हें लगा कि जब आमिर खान बनने का भूत लोगों पर सवार होगा तो उसकी अच्छी कीमत क्यूं न ली जाए। इस बार फिल्म के साथ-साथ जिम के पोस्टर भी तैयार हुए, जिसमें कुछ यूं लिखा गया था। आमिर जैसी बॉडी बनाएं सिर्फ दो महीने में..। मुझे यह नहीं पता कि इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर कितने कमाए पर यह जरूर पता है कि गजनी की आग में एक बार फिर जिमों में कुछ दिनों की हरियाली आई। पर इससे मुझे सत्य का ज्ञान हुआ और पता चला कि इसलिए नहीं बना पाते ढेर सारे युवा जिम में बॉडी।
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Mar 15, 2010
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