अपने शहर को Eco -frendly बनाने के लिए हमें अपने कुछ बुनियादी जरूरतों पे ध्यान देना होगा...जैसे सड़क, परिवहन,स्वास्थ्य सुबिधांये,बिजली,पानी व रहने सम्बन्धी आवश्यकताओं पे नजर डालना ही होगा.......
1 -Polethene का बहिस्कार किया जाए - polethene ऐसे chemicals से मिलकर prepaire जाती है जो हजारो-लाखो साल में भी नहीं गलते अतः polethene का प्रयोग न कर के हमे bag व कागज के थैलों का उपयोग करना चाहिए.
2-Prevent Polution- हमें अनावश्यक रूप से होने वाली प्रदुषण को रोकना चाहिए.मनोरंजन के लिए indoor ब्यवस्था रखनी चाहिए और music,video निर्धारित देसिब्ले में ही बजाना चाहिए. गाडियों में प्रेस्सर-
3-Pay the role of an Ideal Nationals- सडको पे पड़े ईट पत्थर को स्वयं ही हटाने की कोसिस करता हूँ और दूसरों को भी सलाह देता हूँ की ऐसा करने में शर्म न महसूस करें! कूड़ा उचित स्थान पर ही डालें. यदि कोई disable ब्यक्ति रास्ता पर करना चाह रहा है तो खुद रूक कर उसे रास्ता क्रोस करने में मदद करें!
4-Be a part of Traffic Police- यदि रोड पर जाम लगा है तो खुद ही व्यवस्था संभालनी चाहिए यदि ऐसा संभव न हो तो Traffic पोलिसे को सूचित करना चाहिए.
5- traffic rules Must be fallowed- रूल्स ऑफ़ द रोड को ध्यान में रख कर गाडी चलायें,तथा गाड़ियों को नियमित चेकिंग करते रहे ताकि वो धुंवे के रूप में वायु प्रदुषण न करें, क्योंकि इनमे co2,co व अन्य बिशैली गैसें होती है जो वातावरण को प्रदूषित करती हैं.
6-Car Pooling- कर पूलिंग से समय पैसा व सामन तीनो की सुरक्षा होती है.petrole भी बचाता है अतः कार पूलिंग करें तो यह एक बेहतर बिकल्प होगा pollutiopn रोकने का!
7-Plantation- पोध रोपण City को Eco-Friendly बनाने में मदद करता है. अतः इस कार्य को एक अभियान के तहत किया जाना चाहिए ताकि ज्यादा से ज्यादा हरियाली युक्त धरती का निर्माण किया जा सके.


10-Select proper way to Oppose- आजकल किसी भी दुर्घटना या घटना के होने पर आम पब्लिक रोड जाम तथा तोड़-फोड़ करती है और असभ्य ब्यवहार अपनाकर सरकारी संपत्ति को नुक्सान पहुचाते है जिससे वे खुद ही और परेशां हो जाते है बजाय के कोई हल पांए! एकजूट होकर सम्बंधित अधिकारी के सामने अपनी समस्या लेकर जांए और अपनी बात मजबूती से रक्खें तो जरूर ही कोई न कोई राह निकल आएगी.
याद रहे उबलते जल में चेहरा देखना मुस्किल होता है जबकि शांत जल में आसन यानी गुस्से में हमें पता नहीं चलता और हम अपना ही नुक्सान कर बैठते हैं.
11-ज्यादा से ज्यादा शिक्षार्जन करें क्योंकि देश की सम्ब्रिद्धि इसके नागरिको के साक्षरता पर आधारित होती है. मीडिया के तमाम माध्यमो से जुड़कर हम दिन-प्रति-दिन होने वाले समाचारों से रूबरू रह सकते हैं.


14-आजकल लोग जागरूक हुए हैं मगर गलत धारणाएं अभी भी फल-फूल रही हैं लोग लड़के व लड़की को असमान नजरिये से देखते हैं जोकी बदलने की जरूरत है...सच तो यह है की लड़की लड़कों से कहीं आगे हैं!
एक बात याद रहे की पुरुष हमेश हर बात में गणित लगाता रहता है जबकि महिला हर बात को प्यार व भाईचारा के निगाह से देखती, घर चलाने के लिए प्यार की जरूरत होती है न की गणित की!

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