नगर निगम के दावे बहकर घुसे घरों में
शायद इससे बेहतर मौका नहीं मिलता आपको यह बताने का, की चाक-चैबन्द व्यवस्थाओं की दुहाई देने वाले निगम अधिकारी के आलसी रवैये से त्रस्त मानसून ने इनकी यादों व वादों का पिटारा एकदम से सबको दिखा व बता व दिखा भी दिया।
त्रिनाथ मिश्र।
मेरठ। सुबह से खराब मौसम ने जब अँगड़ाई ली तो थोड़ी ही देर में नज़ारा बदला हुआ मिला। पहले बूँदा-बादी फिर झमाझम पानी के बरसने से चन्द लमहों में ही नगर-निगम के आला अधिकारियों की पोल खोलनी शुरू कर दी। जगह-जगह जल भराव के नजारों से लोग स्तब्ध् हो गये। बच्चों को मज़ा देने वाली बारिश ने थोड़ी देर में ही अपना रोबीला रूख अख्तियार कर लिया और नाले की सफाई तथा स्वच्छ मेरठ का तमगा दिखाने वाले नगर-निगम के वो तमाम दावे बहकर लोगों के घरों में पहुंचने लगे, जो उसने आम जनता से कर रखे थे।
बारिश का नजारा तो देखने लायक था ही साथ ही गलियों में नौका-संचालन की स्थिति सामने आते ही वातावरण खट्टा-मीठा हो गया। मगर इस चटखारे वाले पानी से भी निगम के कर्मचारीओं को ‘मज़ा’ न आया और वो घरों में घुसे पानी का मुआयना भी करने चल दिये।
सप्लाई वाले पानी से साफ है यह पानी:
इस दौरान गुट में बैठें बुजुर्गों के साथ महिलाओं में तरह-तरह की चर्चायें होती रही। किसी ने टपाक से कह दिया ‘अरे यह पानी तो पीने वाली सप्लाई से भी साफ है’ जरा क्लीयरिटी तो देखो!!! और निगम का चुटकुला बनाने के बाद हल्की मुस्कान तो उठी मगर कमरे में डूबती हुई नीचे रखे सामान को उठाने की बारी आते ही-दुबारा बद्दुआओं का दौर शुरू हो गया।
फेसबुक पर होता रहा बारिश का लाइव अपडेट- बारिश के दौरान लोग अपने घरों व मुहल्लों के पल-पल की स्थिति का जायजा लेकर पफेसबुक पर अपडेट करते रहे। किसी ने आँगन को स्वीमिंग पूल बताया तो किसी ने गलियों में नालियों के बन्द होने की दुहाई दी।
डेरियां बनी काल: संजीव पुण्डीर
शहर में फैली डेरियां नालों को जाम करने में अहम भूमिका निभाती हैं। हंसी-मजा़क के बाद पानी ज्यादा बढ़ने लगा तो लोगों के चेहरे पर शिकन आ गई और वो गम्भीर होकर चर्चा करने लगे।
इसी दौरान फेसबुक पर अपडेट एक फोटो पर कमेंट मारकर नगर-निगम के पार्षद संजीव पुण्डीर ने बताया कि शहर में डेरियों के कारण पशुओं के मल नालियों में ही पफेंक दिये जाते है जिससे जाम होकर पानी का निकास भी अवरूध्द हो जाता है, उन्होंने बताया की सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की धज्जियां उड़ाने वाले डेरी संचालकों के साथ-साथ शासन व प्रसाशन भी मूक दर्शक बने हुए हैं। इसके अलावा गलियों में घरों के सामने निकलने वाली नालियों को ढ़कना भी जल-भराव की प्रमुख वजहों में से एक हैं।
इन-इन जगहों पर बहे नाले:
शहर के गोल कुँआ, घण्टाघर, लालकुर्ती, शास्त्रीनगर के अलावा पूर्वी व उत्तरी छोर पर भी जल भराव की गम्भीर स्थिति बनी रही तथा लोगों को घरों से बाहर निकलने में भी मसक्कतों का सामना करन पड़ा। नौचन्दी ग्राउण्ड पर हुए जल-भराव व नौचन्दी थाने के सामने से जाने वाली रोड पर सड़कों पर पानी आ जाने से करीब तीन फुट तक पानी भर गया। राहगीरों व दुकानदारों के साथ-साथ खाकी वर्दी भी भीगने से नहीं बच सकी।
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