बदलते मौसम में बड़े-बड़ों में जहां सर्दी-जुकाम की शिकायत होने लगती है, वहीं बच्चों यह समस्या और भी जटिल हो जाती है। छोटे बच्चों की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए बहुत जरूरी है कि उन्हें जन्म के 36 घंटे के भीतर मां का दूध जरूर पिलाया जाए। इसमें कोलेस्ट्रम नामक एक तत्व होता है, जो जीवन भर बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है। इसके अलावा उन्हें कम से कम 6 माह तक मां का दूध जरूर पिलाना चाहिए।
बच्चों में सभी तरह के मौसम झेलने की आदत विकसित करें। हर समय एसी, हीटर का इस्तेमाल या कमरे को बंद न रखें। घर से बाहर खेलने जाने दें। इससे शरीर की संक्रमण से लड़ने की क्षमता विकसित होती है। मौसम बदलने पर बच्चों में सामान्य सर्दी व जुकाम होना शरीर में इम्यून सिस्टम के सक्रिय होने का संकेत है। बच्चों में हल्का सर्दी-जुकाम होते ही उन्हें दवाएं देना शुरू न करें। तीन-चार दिनों के बाद भी समस्या अगर दूर न हो, तभी डॉक्टर की सलाह से दवा दें।
बच्चों में सभी तरह के मौसम झेलने की आदत विकसित करें। हर समय एसी, हीटर का इस्तेमाल या कमरे को बंद न रखें। घर से बाहर खेलने जाने दें। इससे शरीर की संक्रमण से लड़ने की क्षमता विकसित होती है। मौसम बदलने पर बच्चों में सामान्य सर्दी व जुकाम होना शरीर में इम्यून सिस्टम के सक्रिय होने का संकेत है। बच्चों में हल्का सर्दी-जुकाम होते ही उन्हें दवाएं देना शुरू न करें। तीन-चार दिनों के बाद भी समस्या अगर दूर न हो, तभी डॉक्टर की सलाह से दवा दें।
No comments:
Post a Comment