पटना. बिहार के मुजफ्फरपुर में हुए बालिका गृह कांड पर आज दिल्ली की साकेत कोर्ट फैसला सुना सकती है। 26 मई 2018 को टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस(टिस) की रिपोर्ट में पहली बार बालिका गृह में नाबालिग लड़कियों के साथ दरिंदगी का मामला सामने आया था। मामले में 26 जुलाई 2018 को राज्य सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की। अगले दिन यानी 27 जुलाई 2018 को सीबीआई ने बालिका गृहकांड की एफआईआर पटना स्थित अपने थाने में दर्ज की थी।
सीबीआई ने इस मामले में 21 को आरोपी बनाया। इसमें 10 महिलाएं हैं, जो कि बालिका गृह की लड़कियों के साथ हो रही दरिंदगी को न सिर्फ छिपाती रहीं, बल्कि बच्चियों को चुप रहने के लिए उनको यातनाएं भी देती रहीं। यही नहीं, मुजफ्फरपुर बालिका गृह में तैनात रसोइयां से लेकर गेटकीपर तक पर लड़कियों के साथ दुष्कर्म के आरोप लगे हैं। पीड़ित लड़कियों के मुताबिक इस जघन्य कांड के आरोपियों और उन पर लगे आरोपों पर एक नजर....
सीबीआई ने इस मामले में 21 को आरोपी बनाया। इसमें 10 महिलाएं हैं, जो कि बालिका गृह की लड़कियों के साथ हो रही दरिंदगी को न सिर्फ छिपाती रहीं, बल्कि बच्चियों को चुप रहने के लिए उनको यातनाएं भी देती रहीं। यही नहीं, मुजफ्फरपुर बालिका गृह में तैनात रसोइयां से लेकर गेटकीपर तक पर लड़कियों के साथ दुष्कर्म के आरोप लगे हैं। पीड़ित लड़कियों के मुताबिक इस जघन्य कांड के आरोपियों और उन पर लगे आरोपों पर एक नजर....
- ब्रजेश ठाकुर (संरक्षक): बालिका गृह कांड मामले का मुख्य आरोपी है। 6 से अधिक लड़कियों ने इस पर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। ब्रजेश बालिका गृह की लड़कियों का यौन शोषण कराता था। वह बड़े अधिकारियों तक लड़कियों को पहुंचाता था। मुजफ्फरपुर और पटना में ब्रजेश ने अड्डे बना रखे थे जहां बालिका गृह की लड़कियों को भेजता था। विरोध करने वाली लड़कियों की पिटाई भी करता था।
- इंदु कुमारी (अधीक्षिका): इंदु कुमारी मुजफ्फरपुर बालिका गृह की अधीक्षिका थी। वह लड़कियों को डराती धमकाती थी। उन्हें जबरदस्ती दुष्कर्म करवाने के लिए तैयार करती थी। विरोध करने पर पिटती थी। बालिका गृह में हो रही दरिंदगी में शामिल थी। ब्रजेश की बड़ी राजदार रही है।
- मीनू देवी (हाउस मदर): मुजफ्फरपुर बालिका गृह की हाउस मदर मीनू लड़कियों को नशे की दवा देती थी। वह विरोध करने वाली बच्चियों को पीटती थी।
- मंजू देवी (काउंसलर): मुजफ्फरपुर बालिका गृह की काउंसलर मंजू बालिका गृह के दूसरे कर्मचारियों के साथ मिलकर लड़कियों को दुष्कर्म के लिए तैयार करती थी। वह बच्चियों को नशे की दवा खिलाती थी।
- चंदा देवी (हाउस मदर): चंदा देवी लड़कियों को दुष्कर्म के लिए बालिक गृह के बाहर भेजती थी। बच्चियों ने मजिस्ट्रेट के सामने दिए गए अपने बयान में रवि कुमार रोशन का जिक्र करते हुए कहा है कि चंदा आंटी उन्हें रोशन के पास भेजती थी।
- नेहा कुमारी (नर्स): बालिका गृह की बच्चियों को नशीली दवाएं देकर बेहोश करती थी। कई बच्चियों ने अपने बयान में कहा है कि ब्रजेश के खिलाफ बोलने पर नेहा और स्टाफ के लोग उन्हें मारते-पीटते थे।
- किरण कुमारी (हेल्पर):विरोध करने वाली बच्चियों को सजा देती थी। वह बच्चियों को भूखा रखती और अन्य कर्मियों के साथ मिलकर मारती-पीटती थी।
- हेमा मसीह (प्रोबेशनरी अधिकारी): हेमा मसीह बालिका गृह की प्रोबेशन पदाधिकारी थी। बालिका गृह के कागजात मेंटेन करना और अधिकारियों के सामने बालिका गृह की अच्छी छवि पेश करने का जिम्मा हेमा मसीह के पास था। इस परबालिका गृह में हो रही गतिविधियों को छिपाने का आरोप है।
- रवि रोशन(निलंबित सीपीओ- बाल संरक्षण पदाधिकारी): रवि के जिम्मे किशोरियों की सुरक्षा थी। वह बालिका गृह की बच्चियों के साथ दुष्कर्म करता था। इसके साथ ही बच्चियों को छोटे कपड़े में अश्लील गानों पर डांस करने के लिए मजबूर करता था।
- विकास कुमार( सीडब्लूसी - बाल कल्याण समिति सदस्य): हर मंगलवार को विकास और उसके साथ बालिका गृह मेंपहुंचने वाले लोग किशोरियों का यौन शोषण करते थे। यह नियमित था। मीडिया रिपोर्ट्स में यह बात सामने आई थी कि मंगलवार को सुबह से ही कुछ किशोरियां सहमी रहती थीं।
- रोजी रानी(तत्कालीन सहायक निदेशक): बाल संरक्षण इकाई की सहायक निदेशक थी। लड़कियों ने उसे सारी घटनाओं की जानकारी दी, लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया। उस पर आरोपियों का सहयोग करने का आरोप है।
- विजय कुमार तिवारी(ब्रजेश का ड्राइवर): विजय ब्रजेश ठाकुर का ड्राइवर था। उस पर लड़कियों से दुष्कर्म करने, उनकी पिटाई करने का आरोप है। लड़कियों की सप्लाई में भी शामिल होने का भी आरोप है।
- गुड्डू कुमार(रसोईया): बालिका गृह की बच्चियों के साथ रेप करता था। विरोध करने वाली लड़कियों को पीटता था।
- कृष्णा कुमार राम(सफाईकर्मी): बालिका गृह की बच्चियों के साथ रेप करता था। वह विरोध करने वाली लड़कियों को पीटता था।
- रामानुज ठाकुर (गेटकीपर): गुड्डू और कृष्णा की ही तरह इस पर भी बच्चियों से रेप करने और विरोध करने पर उनकी पिटाई करने का आरोप है।
- साजिस्ता परवीन उर्फ मधु(ब्रजेश की करीबी):ब्रजेश ठाकुर की राजदार है। ब्रजेश के ज्यादातर एनजीओ का संचालन पर्दे के पीछे से मधु ही करती रही। वह एनजीओ सेवा संकल्प और विकास समिति के प्रबंधन से जुड़ी थी। लड़कियों को गंदे गाने पर डांस करने को मजबूर करती थी। मना करने वाली लड़कियों को सजा के तौर पर नमक रोटी देती थी।
- अश्विनी कुमार(कथित डॉक्टर) :बच्चियांजब दुष्कर्म के कारण दर्द की शिकायत करती थी तो उन्हें दवाएं देता था।बालिका गृह की लड़कियां इस डॉक्टर से काफी डरी रहती थीं। वह लड़कियों को बेहोश करता था। लड़कियों की बिना कपड़े के जांच करता था।
- दिलीप वर्मा(सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष):बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) का अध्यक्ष था। लड़कियों ने उसकी पहचान फोटो से की। लड़कियों के साथ दुष्कर्म करता था।
- प्रेमिला(कथित डॉक्टर,अब तक फरार) :बच्चियां जब दुष्कर्म के कारण दर्द की शिकायत करती थी तो कथित डॉक्टर अश्विनी और प्रेमिला बच्चियों को दवाएं देकर चुप करा देते थे।
- रामाशंकर सिंह उर्फ मास्टर साहब:यह ब्रजेश के पारिवारिक प्रेस का मैनेजर था। लड़कियों ने उसे गंदा आदमी बताया है। लड़कियों के साथ दुष्कर्म औरपिटाई करता था।
- विक्की(मधु का भांजा):मधु का करीबी, राजदार और भांजा है। ब्रजेश ठाकुर के लिए काम करता था। मधु को बालिका गृह में पहुचाने और ले जाने का काम करता था।
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