रांची। पंचम झारखंड विधानसभा के पहले सत्र के आज दूसरे दिन चालू वित्त वर्ष के लिए 4210.08 करोड़ रुपये का द्वितीय अनुपूरक बजट पेश किया गया। सभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद विधानसभा अध्यक्ष के निर्वाचन की घोषणा की गई । संथालपरगना के नाला विधानसभा क्षेत्र से तीसरी बार विधायक बने रवींद्रनाथ महतों को निर्विरोध सभा का अध्यक्ष चुन लिया गया। इसके बाद राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू का अभिभाषण हुआ।
इसके बाद मुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री हेमंत सोरेन ने सदन में वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 4210.08 करोड़ रुपये का द्वितीय अनुपूरक बजट पेश किया। पेश किए गए द्वितीय अनुपूरक बजट में सबसे अधिक 951.56 करोड़ रुपये ग्रामीण विकास विभाग को आवंटित किए जाने का प्रस्ताव किया गया है। इसके बाद 618.71 करोड़ रुपये गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग को तथा 555.56 करोड़ रुपये ऊर्जा विभाग को आवंटित करने का प्रस्ताव है।
इससे पूर्व राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में कहा, “मुझे उम्मीद है कि पांचवीं विधानसभा संसदीय परंपराओं का निर्वहन करने में एक उदाहरण पेश करेगी। यह सरकार पिछली सरकार के अच्छे कार्यों को आगे बढ़ाने के साथ ही छोटानागपुर काश्तकारी (सीएनटी) अधिनियम और संथालपरगना काश्तकारी (एसपीटी) अधिनियम को बहाल रखने का काम भी करेगी। यह सरकार हर घर में समृद्धि लाने के प्रयास करेगी।
सदन में दो सत्रों की अवधि के बीच दिवंगत हुए महत्वपूर्ण राजनेताओं, लेखकों, अभिनेताओं, बुद्धिजीवियों और जवानों को श्रद्धांजलि दी गई। सभा में जिन दिग्गजों को श्रद्धांजलि दी गई उनमें बिहार में डुमरांव के अंतिम महाराज और पहली संसद के सदस्य महाराजा कमल बहादुर सिंह, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता डी. पी. त्रिपाठी, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुन्नीलाल, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) नेता गुरुदास दासगुप्ता, कर्नाटक के पूर्व राज्यपाल टी. एन. चतुर्वेदी, कांग्रेस के पूर्व विधायक सवना लकड़ा शामिल हैं।
इसके बाद मुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री हेमंत सोरेन ने सदन में वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 4210.08 करोड़ रुपये का द्वितीय अनुपूरक बजट पेश किया। पेश किए गए द्वितीय अनुपूरक बजट में सबसे अधिक 951.56 करोड़ रुपये ग्रामीण विकास विभाग को आवंटित किए जाने का प्रस्ताव किया गया है। इसके बाद 618.71 करोड़ रुपये गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग को तथा 555.56 करोड़ रुपये ऊर्जा विभाग को आवंटित करने का प्रस्ताव है।
इससे पूर्व राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में कहा, “मुझे उम्मीद है कि पांचवीं विधानसभा संसदीय परंपराओं का निर्वहन करने में एक उदाहरण पेश करेगी। यह सरकार पिछली सरकार के अच्छे कार्यों को आगे बढ़ाने के साथ ही छोटानागपुर काश्तकारी (सीएनटी) अधिनियम और संथालपरगना काश्तकारी (एसपीटी) अधिनियम को बहाल रखने का काम भी करेगी। यह सरकार हर घर में समृद्धि लाने के प्रयास करेगी।
मुर्मू ने कहा कि नई सरकार में झारखंड की प्रशासनिक व्यवस्था को और अधिक जवाबदेह तथा प्रभावी बनाने का काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार सभी अनुबंध कर्मियों के हितों का ध्यान रखने के साथ ही सभी भाषाओं के विकास के लिए अकादमी की स्थापना तथा जलवायु परिवर्तन को स्कूली पाठ्यक्रमों में शामिल करने का काम भी करेगी।
सदन में दो सत्रों की अवधि के बीच दिवंगत हुए महत्वपूर्ण राजनेताओं, लेखकों, अभिनेताओं, बुद्धिजीवियों और जवानों को श्रद्धांजलि दी गई। सभा में जिन दिग्गजों को श्रद्धांजलि दी गई उनमें बिहार में डुमरांव के अंतिम महाराज और पहली संसद के सदस्य महाराजा कमल बहादुर सिंह, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता डी. पी. त्रिपाठी, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुन्नीलाल, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) नेता गुरुदास दासगुप्ता, कर्नाटक के पूर्व राज्यपाल टी. एन. चतुर्वेदी, कांग्रेस के पूर्व विधायक सवना लकड़ा शामिल हैं।
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