भोपाल. प्रदेश में नगरीय निकाय चुनावों के पहले सरकार और अध्यक्षों को हटाएगी। आधा दर्जन अध्यक्षों पर जांचें चल रही हैं। इसके चलते इनका कार्यकाल पूरा होने के पहले गाज गिर सकती है। जबकि, सियासी नफे- नुकसान के आकलन के बीच सरकार हाईपॉवर कमेटी गठित करके निकायों का कंट्रोल दे सकती है। इसके लिए विधि विभाग ने भी मंजूरी दे दी है।
निकाय चुनावों को लेकर कांग्रेस पूरी तरह गंभीर है। ऐसे में निकाय चुनाव के लिए हर स्तर पर बिसात बिछना शुरू हो गई है। मार्च के बाद निकाय चुनाव होना हैं, लेकिन इसमें और देरी हो सकती है। सरकार ने पिछले हफ्ते चार नगरीय निकाय के अध्यक्षों को हटा दिया, जिससे वे आगामी निकाय चुनाव में शिरकत करने से बाहर हो गए हैं। वजह ये कि जब तक उन पर जांच चल रही है।
निकाय चुनावों को लेकर कांग्रेस पूरी तरह गंभीर है। ऐसे में निकाय चुनाव के लिए हर स्तर पर बिसात बिछना शुरू हो गई है। मार्च के बाद निकाय चुनाव होना हैं, लेकिन इसमें और देरी हो सकती है। सरकार ने पिछले हफ्ते चार नगरीय निकाय के अध्यक्षों को हटा दिया, जिससे वे आगामी निकाय चुनाव में शिरकत करने से बाहर हो गए हैं। वजह ये कि जब तक उन पर जांच चल रही है।
- हाईपॉवर कमेटी के लिए मंजूरी
नियमों के हिसाब से निकायों का कार्यकाल पूरा होने के पहले ही चुनाव करना अनिवार्य है, लेकिन यदि चुनाव नहीं होते हैं तो आगे क्या करना है, इस पर कानून में कुछ नहीं लिखा। नियम सिर्फ यह कहता है कि चुनाव न होने पर वह प्रक्रिया अपनाई जा सकती है, जो विधि के असंगत न हो। इसके चलते निकायों में प्रशासक बैठाने की प्रक्रिया चल रही है। इस पर जब सियासी सवाल उठने लगे, तो सरकार ने अब हाईपॉवर कमेटी बनाकर संचालन कराने रास्ता निकालने की तैयारी कर ली है। विधि विभाग ने लिखा है कि हाईपॉवर कमेटी बनाकर निकायों का संचालन कराया जा सकता है।
नियमों के हिसाब से निकायों का कार्यकाल पूरा होने के पहले ही चुनाव करना अनिवार्य है, लेकिन यदि चुनाव नहीं होते हैं तो आगे क्या करना है, इस पर कानून में कुछ नहीं लिखा। नियम सिर्फ यह कहता है कि चुनाव न होने पर वह प्रक्रिया अपनाई जा सकती है, जो विधि के असंगत न हो। इसके चलते निकायों में प्रशासक बैठाने की प्रक्रिया चल रही है। इस पर जब सियासी सवाल उठने लगे, तो सरकार ने अब हाईपॉवर कमेटी बनाकर संचालन कराने रास्ता निकालने की तैयारी कर ली है। विधि विभाग ने लिखा है कि हाईपॉवर कमेटी बनाकर निकायों का संचालन कराया जा सकता है।
- 297 निकायों का कार्यकाल होगा पूरा
दिसंबर 2019 से फरवरी 2020 के बीच 297 निकाय अध्यक्षों का कार्यकाल पूरा हो रहा है। इनमें करीब अध्यक्षों को हटाया गया है। ये आगामी चुनाव में भाग लेने से बाहर हो गए हैं।
दिसंबर 2019 से फरवरी 2020 के बीच 297 निकाय अध्यक्षों का कार्यकाल पूरा हो रहा है। इनमें करीब अध्यक्षों को हटाया गया है। ये आगामी चुनाव में भाग लेने से बाहर हो गए हैं।
- ये दो विकल्प रहेंगे
1. निकायों में प्रशासक बैठाए जाएंगे। अभी कुछ निकायों में प्रशासक नियुक्त किए गए हैं। यह निरंतर रहेगा। इसे भी विधि विभाग ने मंजूर किया है।
2. प्रशासक के अलावा हाईपॉवर कमेटी भी गठित हो सकती है। इसे भी विधि की मंजूरी। विवाद वाली जगहों पर सरकार यह विकल्प अपना सकती है।
1. निकायों में प्रशासक बैठाए जाएंगे। अभी कुछ निकायों में प्रशासक नियुक्त किए गए हैं। यह निरंतर रहेगा। इसे भी विधि विभाग ने मंजूर किया है।
2. प्रशासक के अलावा हाईपॉवर कमेटी भी गठित हो सकती है। इसे भी विधि की मंजूरी। विवाद वाली जगहों पर सरकार यह विकल्प अपना सकती है।
- कमेटी पर नीतिगत फैसला अभी बाकी
हाईपॉवर कमेटी गठित करने पर नीतिगत फैसला अभी नहीं हुआ है। विधि की मंजूरी के बाद सीएम कमलनाथ व विभागीय मंत्री जयवर्धन सिंह के स्तर पर इस बारे में निर्णय होगा।
हाईपॉवर कमेटी गठित करने पर नीतिगत फैसला अभी नहीं हुआ है। विधि की मंजूरी के बाद सीएम कमलनाथ व विभागीय मंत्री जयवर्धन सिंह के स्तर पर इस बारे में निर्णय होगा।
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal http://bit.ly/36Nxxop
No comments:
Post a Comment