रायपुर। राज्य मंत्रिमंडल ने गुरुवार को अपनी बैठक में किसानों को राज्य सरकार को अपनी धान की फसल बेचने में सुविधा प्रदान करने के लिए किसान कॉल सेंटर शुरू करने का निर्णय लिया।
वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कैबिनेट के फैसले के बारे में संवाददाताओं को जानकारी दी कि राज्य सरकार ने किसानों को धान की फसल की परेशानी मुक्त बिक्री सुनिश्चित करने के लिए कॉल सेंटर शुरू करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि अगर खरीद अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ शिकायत की जाती है तो समय सीमा के भीतर पर्याप्त कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी (संशोधन) अध्यादेश 2019 के अध्यादेश में आवश्यक संशोधन किया गया था और इसके प्रारूप को मंजूरी दी गई थी। कैबिनेट ने अगले पांच वर्षों के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना प्रौद्योगिकी और सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित सेवाओं के लिए निवेश नीति का विस्तार किया।
वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कैबिनेट के फैसले के बारे में संवाददाताओं को जानकारी दी कि राज्य सरकार ने किसानों को धान की फसल की परेशानी मुक्त बिक्री सुनिश्चित करने के लिए कॉल सेंटर शुरू करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि अगर खरीद अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ शिकायत की जाती है तो समय सीमा के भीतर पर्याप्त कार्रवाई की जाएगी।
मंत्री ने आगे बताया कि कैबिनेट ने पहले 10 और 4 क्विंटल से लेकर 20 और 5 क्विंटल तक छोटे व्यापारियों के लिए धान की स्टॉक सीमा और खरीद की सीमा भी बढ़ा दी है।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी (संशोधन) अध्यादेश 2019 के अध्यादेश में आवश्यक संशोधन किया गया था और इसके प्रारूप को मंजूरी दी गई थी। कैबिनेट ने अगले पांच वर्षों के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना प्रौद्योगिकी और सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित सेवाओं के लिए निवेश नीति का विस्तार किया।
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