संवाददाता, लखनऊ। पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने के शक में बसपा प्रमुख मायावती ने सुलतानपुर के बाहुबली पूर्व विधायक सोनू सिंह और उनके भाई मोनू सिंह को पार्टी से निकाल दिया है।
गौरतलब है कि पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह 'सोनू' ने मेनका गांधी के खिलाफ सुल्तानपुर से बीएसपी की टिकट पर लोकसभा चुनाव भी लड़े थे। अब उनके भाई ब्लॉक प्रमुख यशभद्र सिंह 'मोनू' के साथ ही सोनू को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के कारण पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। बीएसपी का कहना है कि पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण इनको कई बार चेतावनी भी दी जा चुकी है। लेकिन इसके बावजूद भी इनकी कार्यशैली में कोई सुधार नहीं हुआ।
पार्टी ने पूर्व विधायक सोनू सिंह और उनके भाई मोनू सिंह को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में बाहर निकाला है। पार्टी के आधिकारिक पत्र में कहा गया है कि सुल्तानपुर में 12 जनवरी 2020 को बसपा सुल्तानपुर यूनिट द्वारा चंद्रभद्र सिंह उर्फ सोनू और पूर्व लोकसभा प्रत्याशी सुल्तानपुर यशभद्र सिंह मोनू को पार्टी में अनुशासनहीनता अपनाने व पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने की दी गई रिपोर्ट की अलग-अलग सूत्रों से छानबीन करने के बाद इन्हें पार्टी से निष्कासित किया जाता है। आदेश में कहा गया है कि दोनों नेताओं को पार्टी ने कई बार विरोधी गतिविधि करने पर चेतावनी दी, लेकिन इन्होंने अपनी कार्यशैली में कोई सुधार नहीं किया है, इसलिए इन्हें निष्कासित कर दिया गया है।
गौरतलब है कि पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह 'सोनू' ने मेनका गांधी के खिलाफ सुल्तानपुर से बीएसपी की टिकट पर लोकसभा चुनाव भी लड़े थे। अब उनके भाई ब्लॉक प्रमुख यशभद्र सिंह 'मोनू' के साथ ही सोनू को पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के कारण पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। बीएसपी का कहना है कि पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण इनको कई बार चेतावनी भी दी जा चुकी है। लेकिन इसके बावजूद भी इनकी कार्यशैली में कोई सुधार नहीं हुआ।
पार्टी ने पूर्व विधायक सोनू सिंह और उनके भाई मोनू सिंह को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में बाहर निकाला है। पार्टी के आधिकारिक पत्र में कहा गया है कि सुल्तानपुर में 12 जनवरी 2020 को बसपा सुल्तानपुर यूनिट द्वारा चंद्रभद्र सिंह उर्फ सोनू और पूर्व लोकसभा प्रत्याशी सुल्तानपुर यशभद्र सिंह मोनू को पार्टी में अनुशासनहीनता अपनाने व पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने की दी गई रिपोर्ट की अलग-अलग सूत्रों से छानबीन करने के बाद इन्हें पार्टी से निष्कासित किया जाता है। आदेश में कहा गया है कि दोनों नेताओं को पार्टी ने कई बार विरोधी गतिविधि करने पर चेतावनी दी, लेकिन इन्होंने अपनी कार्यशैली में कोई सुधार नहीं किया है, इसलिए इन्हें निष्कासित कर दिया गया है।
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