नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बुधवार से शुरू होने वाले दौरे से पहले भारत ने अमेरिका से अरबों रुपए के हथियार सौदे को मंजूरी दे दी है। भारत अमेरिकी एविएशन कंपनी बोइंग से 2.5 बिलियन डॉलर (करीब 15800 करोड़ रुपए ) की डील के तहत 22 अपाचे और 15 शिनूक हेलिकॉप्टर खरीदेगा। कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्युरिटी ने मंगलवार को इस डील को मंजूरी दी।
इन हेलिकॉप्टरों को खरीदने की प्रॉसेस 2009 में शुरू हुई थी। माना जा रहा था कि पूरी डील दिसंबर 2012 तक पूरी हो जाएगी। लेकिन लालफीताशाही और डिफेंस मिनिस्ट्री के बाद वित्त मंत्रालय से मंजूरी न मिलने के कारण डील में देरी हुई। कीमतों में 13 बार सुधार के बाद भी यह डील अटकी थी।
डील को लेकर क्या था अमेरिका का रुख?
अमेरिकी आर्मी सिक्युरिटी असिस्टेंस कमांड ने कहा था कि इन हेलिकॉप्टरों की प्राइस 30 सितंबर के बाद 40 फीसदी तक बढ़ा दी जाएगी। इसके बाद पिछले दिनों रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, एनएसए अजीत डोभाल और वित्त मंत्री अरुण जेटली के बीच इस डील को लेकर बातचीत हुई। सरकारी अफसरों के मुताबिक, डील को लेकर वित्त मंत्रालय ने ‘नो-ऑब्जेक्शन’ का मैसेज दे दिया। इसके बाद कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्युरिटी अफेयर्स (सीसीएस) ने भी इसे मंजूरी दे दी।
हेलिकॉप्टरों की खासियत
अपाचे एएच६४डी हेलिकॉप्टर सभी मौसम में काम आते हैं। एक मिनट में 128 टारगेट को ट्रैक करने और 16 पर निशाना लगाने की क्षमता। रडार और मिसाइल सेंसर से छिपने की क्षमता। नाइट विजन कैपेबिलिटी। जासूसी के काम के लिए बेहतर।
शिनूक ट्विन रोटर हेलिकॉप्टर है। अमेरिका ने इसी हेलिकॉप्टर से अफगानिस्तान और इराक में अपने ऑपरेशन किए हैं। खासकर ऊंचाई वाली जगहों पर जवानों को पहुंचाने के लिए यह काफी कारगर है।
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