भोपाल .बागसेवनिया में यशोदा डिजायर परिसर में निर्माणाधीन दो टॉवर को आपस में जोड़ने के लिए अवैध रूप से स्लैब डाली गई थी। इसके अलावा ग्राउंड फ्लोर प्लस 6 फ्लोर की इन दो बिल्डिंग में बालकनी कवर करके लगभग 6000 वर्ग फीट का अधिक अवैध निर्माण किया जा रहा था। सोमवार 7 घंटे चली कार्रवाई में प्रशासन ने इन टॉवर के अवैध निर्माण को तोड़ दिया। इस मामले में एक महत्वपूर्ण तथ्य यह भी है कि यशोदा डिजायर के मालिक बृजेश शुक्ला विवादित कामधेनु हाउसिंग सोसायटी के संचालक भी हैं।
सोसायटी में हुई गड़बड़ियों को लेकर दिसंबर में जिन लोगों पर एफआईआर दर्ज हुई है, उनमें शुक्ला भी शामिल हैं। अभी पूरा अवैध निर्माण नहीं तोड़ा जा सका है। कार्रवाई मंगलवार को भी जारी रहेगी। कामधेनु सोसायटी की गड़बड़ी सामने आने के बाद प्रशासन ने शुक्ला के अन्य प्रोजेक्ट की पड़ताल भी शुरू की थी। इसमें अहमदपुर कला में यशोदा डिजायर में बिल्डिंग परमिशन के विपरीत निर्माण की बात सामने आई थी। इस पर सोमवार को एसडीएम राजेश श्रीवास्तव के साथ नगर निगम के चीफ सिटी प्लानर एसएस राठौर, सहायक यंत्री प्रदीप जड़िया, अतिक्रमण अधिकारी कमर साकिब और प्रभारी नासिर खान पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे।
इधर, माफिया के खिलाफ कार्रवाई में शामिल अतिक्रमण प्रभारी की गाड़ी में तोड़फोड़
ऐसी गड़बड़ी भी
- 6000 वर्ग फीट का अवैध निर्माण बालकनी कवर कर किया
- 550 एकड़ से ज्यादा जमीन है शुक्ला व उनकी पत्नी के नाम
- 38 एकड़ जमीन रिश्तेदारों के नाम है दर्ज
- 115 सदस्यों की तो राशि ही अब तक नहीं लौटाई ।
अब प्रशासन कर रहा जांच...जमीनें कब और कैसे खरीदी
- जांच में यह बात सामने आई है कि बृजेश शुक्ला और उनकी पत्नी ज्योति शुक्ला के नाम पर 550 एकड़ से अधिक जमीन दर्ज है। अन्य रिश्तेदारों के नाम पर कुल 38 एकड़ जमीन दर्ज है। अब प्रशासन यह पता लगाने में लगा है कि यह जमीनें कब और कैसे खरीदी।
- पिछले दिनों सहकारिता विभाग ने कामधेनु के प्रमुख बृजेश शुक्ला समेत 13 संचालक और सदस्यों पर एफआईआर दर्ज कराई थी। बृजेश ने 61 प्लाॅट कलेक्टर गाइडलाइन से कम दाम पर बेचे थे। जबकि 115 सदस्यों की राशि नहीं लौटाई थी।
- संचालक मंडल के अजय पाठक, अभय ओझा, पीके नंदी, राहुल सिंह, नवल सिंह, अतुल सरीन, अनिल गौड़, जावेद, एम पाठक, सतीश प्रजापति, गिरिजा बाई, वृंदा सैनी पर भी केस दर्ज हुआ है।
संगठित माफिया के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जाए, लेकिन ध्यान रखें कि कोई भी बेकसूर व्यक्ति को इस अभियान के दौरान परेशान न किया जाए। बड़े माफियाओं की लिस्टिंग कर उनके खिलाफ कार्रवाई करें। यह निर्देश सोमवार को संभागायुक्त कल्पना श्रीवास्तव ने भोपाल संभाग के कलेक्टर्स को दिए। उन्होंने कलेक्टरों को हिदायत देते हुए कहा कि इस कार्रवाई से आम लोगों में विश्वास बनना चाहिए। संभागायुक्त ने बताया कि राजधानी में अब तक 19 स्थानों की 53.46 एकड़ सरकारी जमीन मुक्त कराई गई है। इसकी कीमत करीब 46.04 करोड़ है। जबकि संभाग में 110 करोड़ की 150 एकड़ जमीन मुक्त कराई।
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