नई दिल्ली। पत्तेदार हरी सब्जियां या साग एंटीआक्सीडेंट , कैसर प्रतिरोधी और यकृत को जहरीले तत्वों से बचाने में मददगार होने वालें गुणों के कारण न केवल इसे ‘सुपर फूड’ बना दिया है बल्कि सर्दी के मौसम में देसी किस्म के सागों के साथ विदेशी किस्म के साग भी अब बाजार में बहुतायत से उपलब्ध हैं ।
साग में रेशा की भरपूर मात्रा होती है जो न केवल पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है बल्कि पाचनशक्ति काे भी बढाता है। विश्व के विभिन्न हिस्सों में सर्दी के मौसम में उगायी जाने वाली पत्तीदार सब्जियां देश के अलग अलग हिस्सों में पिछले कुछ दशकों के दौरान उगाई जा रही है । इनमें से कुछ पहाड़ी क्षेत्रों में उगाई जा रही है।
लोगों के मांग और स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखकर इन्हें यूरोप , अमेरिका और विश्व के अन्य हिस्सों से मंगाया गया है जिनकी बाजारों में पर्याप्त उपलब्धता है। पत्तेदार ये सब्जियां अलग अलग रंगों एवं स्वाद में उपलब्ध है। ये गहरे हरे रंग के साथ ही लाल रंग की भी है। अलग अलग स्वाद और सुगंध इसे और आकर्षक बनाता है । इनमें से कई का उपयोग अंतरराष्ट्रीय व्यंजनों को तैयार करने में किया जाता है।
हरी सब्जियों और सलाद के स्वास्थ्य के लिए अनेक फायदे हैं। इनमें विटामिन , खनिज ,बायो एक्टिव कम्पाउंड , कैंसर रोधी क्षमता और कई अन्य प्रकार के फायदे हैं। हरी सब्जी प्रेमी साग को ‘सुपर फूड’मानते हैं जबकि मांसाहारी इसे ‘घासफूस’ कहते हैं। मेडिकल शोध में पाया गया है कि सरसों परिवार की पत्तेदार सब्जियों में अन्य समूह की सब्जियों की तुलना में अधिक गुणकारी तत्व होते हैं। ये कैंसर रोधी होने के साथ साथ यकृत (लीवर) को जहरीले तत्वों से बचाने में सहायक हैं।
केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान लखनऊ ने सर्दी के दौरान पत्तेदार सब्जियों की अनेक किस्में जारी की है जिनमें कश्मीरी हाक ,श्रीनगर की बन्चिंग ऑनियन ,और दस से अधिक लेट्स (सलाद पत्ते) शामिल है । संस्थान के वैज्ञानिक एस आर सिंह ने लेट्स किस्मों में पौष्टिकता और एंटीआक्सीडेंट होने काे लेकर गहन अध्ययन किया है । संस्थान में इस प्रकार की कई सब्जियों को हाईड्रोफोनिक तरीके से लगाया गया है।
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार पत्तेदार सब्जियां सर्दी की तुलना में गर्मी और बरसात में अधिक सुरक्षित नहीं होती है। सर्दी के दौरान निम्न तापमान के कारण इन पर कीटों का हमला बहुत कम होता है क्योंकि खेतों में उनकी उपस्थिति नगण्य होती है । इस दौरान साग में रोग भी बहुत कम होते हैं।
इन दिनों परम्परागत बथुआ , सरसों , पालक , मेथी और पत्तागोभी के अलावा कई स्थानीय साग पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं जो विभिन्न प्रकार के विटामिनों और पोषक तत्वों से भरपूर है।
साग में रेशा की भरपूर मात्रा होती है जो न केवल पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है बल्कि पाचनशक्ति काे भी बढाता है। विश्व के विभिन्न हिस्सों में सर्दी के मौसम में उगायी जाने वाली पत्तीदार सब्जियां देश के अलग अलग हिस्सों में पिछले कुछ दशकों के दौरान उगाई जा रही है । इनमें से कुछ पहाड़ी क्षेत्रों में उगाई जा रही है।
लोगों के मांग और स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखकर इन्हें यूरोप , अमेरिका और विश्व के अन्य हिस्सों से मंगाया गया है जिनकी बाजारों में पर्याप्त उपलब्धता है। पत्तेदार ये सब्जियां अलग अलग रंगों एवं स्वाद में उपलब्ध है। ये गहरे हरे रंग के साथ ही लाल रंग की भी है। अलग अलग स्वाद और सुगंध इसे और आकर्षक बनाता है । इनमें से कई का उपयोग अंतरराष्ट्रीय व्यंजनों को तैयार करने में किया जाता है।
हरी सब्जियों और सलाद के स्वास्थ्य के लिए अनेक फायदे हैं। इनमें विटामिन , खनिज ,बायो एक्टिव कम्पाउंड , कैंसर रोधी क्षमता और कई अन्य प्रकार के फायदे हैं। हरी सब्जी प्रेमी साग को ‘सुपर फूड’मानते हैं जबकि मांसाहारी इसे ‘घासफूस’ कहते हैं। मेडिकल शोध में पाया गया है कि सरसों परिवार की पत्तेदार सब्जियों में अन्य समूह की सब्जियों की तुलना में अधिक गुणकारी तत्व होते हैं। ये कैंसर रोधी होने के साथ साथ यकृत (लीवर) को जहरीले तत्वों से बचाने में सहायक हैं।
केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान लखनऊ ने सर्दी के दौरान पत्तेदार सब्जियों की अनेक किस्में जारी की है जिनमें कश्मीरी हाक ,श्रीनगर की बन्चिंग ऑनियन ,और दस से अधिक लेट्स (सलाद पत्ते) शामिल है । संस्थान के वैज्ञानिक एस आर सिंह ने लेट्स किस्मों में पौष्टिकता और एंटीआक्सीडेंट होने काे लेकर गहन अध्ययन किया है । संस्थान में इस प्रकार की कई सब्जियों को हाईड्रोफोनिक तरीके से लगाया गया है।
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार पत्तेदार सब्जियां सर्दी की तुलना में गर्मी और बरसात में अधिक सुरक्षित नहीं होती है। सर्दी के दौरान निम्न तापमान के कारण इन पर कीटों का हमला बहुत कम होता है क्योंकि खेतों में उनकी उपस्थिति नगण्य होती है । इस दौरान साग में रोग भी बहुत कम होते हैं।
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