डायनेमिक मेडिटेशन आज की भाग दौड़ भरी जिंदगी में, खासकर युवाओं के लिए एक ऐसी सीढ़ी है जिसके जरिए ध्यान की आनंदमई दुनिया में बहुत आराम से गोता लगाया जा सकता है।
डायनेमिक मेडिटेशन करने के बाद मन एकदम शांत, स्थिर और आह्लादित होता है इसी भाव दशा को बरकरार रखने के लिए यह ध्यान प्रक्रिया ओशो ने करिश्माई तरीके से इजाद की।
डायनेमिक मेडिटेशन करने से पहले ध्यान रखें
- यह ध्यान प्रक्रिया सुबह के समय की जाती है।
- समूह में स्थान प्रक्रिया के अभ्यास करने से दोगुना आनंद मिलता है।
- अकेले भी स्थान को कर सकते हैं और लोगों को भी प्रेरित कर सकते हैं।
- ध्यान सदैव निजी अनुभव होता है, इसे दूसरों को शब्दों में समझा पाना बहुत मुश्किल काम है इसलिए इसके बारे में किसी को एक्सप्लेन करने से बचें।
- ढीले ढाले वस्त्र पहने, हाथ में एक रुमाल या गमछे नुमा कपड़ा अवश्य रखें।
- डायनेमिक मेडिटेशन के दौरान कभी-कभी वोमिटिंग जैसा मन होने लगता है, इससे हमें घबराने की कतई आवश्यकता नहीं है।
- डायनेमिक मेडिटेशन के दौरान आंखें बंद रखें, संभव हो तो किसी कपड़े से बांधकर रखें।
- मन के अंदर से निकल रहे किसी भी प्रकार की भाव दशा जैसे रोना, हंसना, गाना यह बच्चे जैसी हरकतें करना, आ रही हो तो उसको रोकने की कोशिश ना करें।
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