- 3 जनवरी को सरस्वती शिशु मंदिर, शास्त्रीनगर में होगा भव्य श्रीमद्भगवद्गीता पारायण महायज्ञ
मेरठ। विश्व हिंदू परिषद और विश्व गीता संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में रविवार, 3 जनवरी 2021 को सरस्वती शिशु मंदिर, डी ब्लाक शास्त्रीनगर, मेरठ में श्रीमद्भगवद्गीता पारायण महायज्ञ आयोजित किया जा रहा है। इससे पहले दिन शनिवार, 2 जनवरी को नई सड़क पर स्थित भोलेश्वर मंदिर से अपराह्न 2 बजे भव्य कलश यात्रा निकाली जायेगी, जो सरस्वती शिशु मंदिर पहुंचकर संपन्न होगी।
इस संबंध में बुधवार को सूरजकुंड पर स्थित विश्व संवाद केंद्र में पत्रकारों से बातचीत में विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मंत्री आचार्य राधाकृष्ण मनौड़ी ने गीता को विश्व का मानव धर्म शास्त्र बताते हुए कहा कि जिसने भी गीता पढ़ी है, उसका पूरा जीवन ही बदल गया है। मेरठ में पिछले पांच साल से श्रीमद्भगवद्गीता पारायण महायज्ञ हो रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य गीता का संदेश घर-घर पहुंचाना है ताकि हमारी आने वाली पीढ़ी गीता को जान सके और उसका लाभ उठा सके। उन्होंने कहा कि गीता ही विश्व का एकमात्र ऐसा ग्रंथ है जो मानव धर्म शास्त्र है। इसके अलावा कुरान या बाइबिल सिर्फ उनके धर्म के लोगों के लिए हैं। गीता को सभी धर्मों के लोग पढ़ भी सकते हैं और पढ़ भी रहे हैं। हम चाहते हैं कि गीता राष्ट्र ग्रंथ बने, क्योंकि सभी शास्त्रों का वर्णन गीता में है। भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में भक्ति, ज्ञान व कर्म का संदेश दिया है।
आचार्य राधाकृष्ण मनौड़ी ने बताया कि दो दिवसीय आयोजन 2 और 3 जनवरी को आयोजित किया जा रहा है। पहले दिन शनिवार, 2 जनवरी को नई सड़क पर स्थित भोलेश्वर मंदिर से अपराह्न 2 बजे भव्य कलश यात्रा निकाली जायेगी, जिसका नेतृत्व स्वामी शिवप्रेमानंद करेंगे। कलश यात्रा सरस्वती शिशु मंदिर पहुंचकर संपन्न होगी। 3 जनवरी को प्रात: आठ बजे से श्रीमद्भगवद्गीता पारायण महायज्ञ शुरू होगा, जो शाम तक चलेगा। इसमें सामूहिक गीता पाठ, यज्ञ एवं भंडारा होगा। महायज्ञ में अनेक संतों का सानिध्य प्राप्त होगा। मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री, विश्व हिंदू परिषद अखिल भारतीय गोरक्षा प्रमुख श्री खेमचंद शर्मा जी रहेंगे। उन्होंने बताया कि कोरोना को ध्यान में रखते हुए इस बार महायज्ञ में छह हवन कुंड बनवाये जा रहे हैं। प्रत्येक हवन कुंड पर तीन-तीन यज्ञमान बैठेंगे। महायज्ञ की तैयारी के लिए शहर में जगह-जगह गोष्ठियां आयोजित की जा रही हैं।
विश्व गीता संस्थान के कार्याध्यक्ष विजय भोला ने कहा कि महायज्ञ आयोजित करने और गीता का संदेश घर-घर पहुंचाने का मुख्य उद्देश्य समाज एवं भावी पीढ़ी की नींव मजबूत करना है। जब नींव मजबूत होगी तो कितनी भी ऊंचाई तक भवन बनाया जा सकता है लेकिन कमजोर नींव पर भव्य इमारत नहीं बनायी जा सकती। उन्होंने कहा कि हर परिवार को गीता का अध्ययन करना चाहिए। आज छोटे परिवार होने के कारण बच्चों में संस्कारों का अभाव होता जा रहा है। गीता से हमें परिवार चलाने और बच्चों को संस्कारवान बनाने की शिक्षा मिलती है।
इस मौके पर विश्व गीता संस्थान की महासचिव कवयित्री तुषा शर्मा, आरएसएस के विभाग संघ चालक विनोद भारतीय, चंचल गौड़ और हिमांशु गोयल आदि मौजूद रहे।
इस संबंध में बुधवार को सूरजकुंड पर स्थित विश्व संवाद केंद्र में पत्रकारों से बातचीत में विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मंत्री आचार्य राधाकृष्ण मनौड़ी ने गीता को विश्व का मानव धर्म शास्त्र बताते हुए कहा कि जिसने भी गीता पढ़ी है, उसका पूरा जीवन ही बदल गया है। मेरठ में पिछले पांच साल से श्रीमद्भगवद्गीता पारायण महायज्ञ हो रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य गीता का संदेश घर-घर पहुंचाना है ताकि हमारी आने वाली पीढ़ी गीता को जान सके और उसका लाभ उठा सके। उन्होंने कहा कि गीता ही विश्व का एकमात्र ऐसा ग्रंथ है जो मानव धर्म शास्त्र है। इसके अलावा कुरान या बाइबिल सिर्फ उनके धर्म के लोगों के लिए हैं। गीता को सभी धर्मों के लोग पढ़ भी सकते हैं और पढ़ भी रहे हैं। हम चाहते हैं कि गीता राष्ट्र ग्रंथ बने, क्योंकि सभी शास्त्रों का वर्णन गीता में है। भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में भक्ति, ज्ञान व कर्म का संदेश दिया है।
आचार्य राधाकृष्ण मनौड़ी ने बताया कि दो दिवसीय आयोजन 2 और 3 जनवरी को आयोजित किया जा रहा है। पहले दिन शनिवार, 2 जनवरी को नई सड़क पर स्थित भोलेश्वर मंदिर से अपराह्न 2 बजे भव्य कलश यात्रा निकाली जायेगी, जिसका नेतृत्व स्वामी शिवप्रेमानंद करेंगे। कलश यात्रा सरस्वती शिशु मंदिर पहुंचकर संपन्न होगी। 3 जनवरी को प्रात: आठ बजे से श्रीमद्भगवद्गीता पारायण महायज्ञ शुरू होगा, जो शाम तक चलेगा। इसमें सामूहिक गीता पाठ, यज्ञ एवं भंडारा होगा। महायज्ञ में अनेक संतों का सानिध्य प्राप्त होगा। मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री, विश्व हिंदू परिषद अखिल भारतीय गोरक्षा प्रमुख श्री खेमचंद शर्मा जी रहेंगे। उन्होंने बताया कि कोरोना को ध्यान में रखते हुए इस बार महायज्ञ में छह हवन कुंड बनवाये जा रहे हैं। प्रत्येक हवन कुंड पर तीन-तीन यज्ञमान बैठेंगे। महायज्ञ की तैयारी के लिए शहर में जगह-जगह गोष्ठियां आयोजित की जा रही हैं।
विश्व गीता संस्थान के कार्याध्यक्ष विजय भोला ने कहा कि महायज्ञ आयोजित करने और गीता का संदेश घर-घर पहुंचाने का मुख्य उद्देश्य समाज एवं भावी पीढ़ी की नींव मजबूत करना है। जब नींव मजबूत होगी तो कितनी भी ऊंचाई तक भवन बनाया जा सकता है लेकिन कमजोर नींव पर भव्य इमारत नहीं बनायी जा सकती। उन्होंने कहा कि हर परिवार को गीता का अध्ययन करना चाहिए। आज छोटे परिवार होने के कारण बच्चों में संस्कारों का अभाव होता जा रहा है। गीता से हमें परिवार चलाने और बच्चों को संस्कारवान बनाने की शिक्षा मिलती है।
इस मौके पर विश्व गीता संस्थान की महासचिव कवयित्री तुषा शर्मा, आरएसएस के विभाग संघ चालक विनोद भारतीय, चंचल गौड़ और हिमांशु गोयल आदि मौजूद रहे।
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