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May 26, 2013

=> एनएच-58 पर बौखलाई जनता का ताँडव


युवक की मौत पर 
बौखलाई जनता का ताँडव 

ट्रक की टक्कर से ट्रैक्टर सवार युवक की मौत पर भडकी जनता, 
ट्रक को किया आग के हवाले, 
कई घण्टे तक एनएच-58 पर गलाया जाम, 
पुलिस से हुई झपड।

मेरठ। कंकरखेड़ा एनएच-58 मार्ग पर कल दादरी के सीमप ट्रैक्टर की ट्रक से टक्कर लगने से चालक की मौत हो गई। इसी बात से गुस्सायें ग्रामीणों ने अपना ताँडव दिखाना शुरु कर दिया। शव को कई घण्टों तक रोड पर रख कर जाम लगाये रखा तथा मौके पर पहुँचे पुलिस अधिकारियों को जमकर खरीखोटी सुनाते हुए दादरी पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा काट दिया। यही नहीं ग्रामीणों ने ट्रक को आग के हवाले करते हुए नारेबाजी भी की तथा हाइवे पर पूरी तरह से कब्जा जमा लिया।
दादरी निवासी सुनील पुत्र खुषीराम सुबह करीब 5 बजे ट्रैक्टर द्वारा खेत से बाहर को जा रहा था। दादरी पुलिस चैकी के समीप एनएच-58 से मुडते समय मुजफ्फर नगर की ओर से आ रहे तेज गति के ट्रक ने जबरदस्त टक्कर मारी तथा टैªक्टर चालक सुनील रोड पर गिर पड़ा और काफी देर तक तडपता रहा। इस घटना के होते ही ट्रक चालक फरार हो गया। सुनील थोड़ी देर बाद ही जीवन की अन्तिम सांस लेकर सड़क पर मरणासन्न हो गया। ग्रामीणों को सुनील की मौत सूचना मिलते ही हंगामा हो गया और कुछ देर बाद ही गुस्साये ग्रामीणों ने हाइवे को कब्जाकर जाम लगा दिया।
पुलिस चैकी है नजदीक:
घटना स्थल से कुछ ही दर पर दादरी पुलिस चैकी है, वहां पर तैनात पुलिस कर्मी को भी इस घटना का पता काॅफी देर बाद पता चल पाया, इस बात का अन्दाजा लगाना मुष्किल है कि क्या वाकई मुस्तैदी से काम करने का ढ़ोग करने वाली पुलिस को इस घटना की ऐन पर भनक भी नहीं मिली।
पुलिस की एक न सुनी:
मौत की खबर आग की तरह फैल गई तथा जाम व हंगामा की सूचना पाकर इंचैली व दौराला इन्स्पेक्टर मौके पर पहुँचे, ग्रामीणों ने उन्हे भला-बुरा कहते हुए जाम खोलने से मना कर दिया। सीओ सदर - देहात विजय प्रताप के जाने पर प्रदर्षनकारियों ने वर्दी पर लापरवाही के तमगे देते हुए झड़प कर लिया। एस.पी. देहात कैप्टन एम.एम. वेग के पहुँचने पर ग्रामीणें में आई जोन व कमिष्नर को मौके पर बुलाने की बात की तथा उच्च अधिकारियों के पहुँचे जाम खोलने से साफ इनकार कर दिया।
हो चुके हैं कई हादसे:
एनएच - 58 पर तेज रफ्तार वाहनों, ट्रकों की चपेट में अब तक कई जिन्दगियां मौत को प्यारी हो चुकी है, मगर ट्रैफिक पुलिस, सिविल पुलिस को इन सभी घटनाओं से कोई वास्ता व सरोकरा होता नहीं जान पड रहा है।
समय पर पहुँचते तो बचने की थी गुन्जाइषः
सुनील काफी देर तक सड़क पर तडपता रहा। यदि पुलिस मौके पर पहुँच कर उसे उपचार के लिये ले जाती तो शायद सुनील की सांसे अभी तक चल रही होती। इसे पुलिस की लापरवाही कहें, अनदेखी कहें, या खुदा का कहर, बरहाल सुनील अब इस दुनिया में नहीं है। इसके जिम्मेदार हर शख्स को सोचना होगा, जागना होगा।

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