मूर्ति विध्वंश की पहली वर्षगांठ पर
अमित जानी करेंगे स्वाभिमान महापंचायत
त्रिनाथ मिश्र।
मेरठ। मूर्ति विध्वंश की पहली वर्षगांठ पर उत्तर प्रदेश नवनिर्माण सेना लखनउफ में स्वाभिमान महापंचायत करेगी। जिसमें एससी व एसटी एक्ट को खत्म कराने के लिए आंदोलन की बिगुल पफूंका जायेगा। इसके लिए प्रत्येक जिलों बैठके कर लोगों को महापंचायत में पहुंचने का आहवान किया जा रहा है।हापुड़ रोड स्थित यदु होटल में उत्तर प्रदेश नवनिर्माण सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित जानी ने अमर भारती संवाददाता को बताया कि गत 16 जुलाई को उनकी सेना के दस सदस्यों ने उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्राी मायावती की लखनउफ में स्थित मूर्तियों को तोड़ दिया था। जिसमें वह जेल भी गए थे। इस घटना को आगामी 16 जुलाई को एक वर्ष हो जायेगा। घटना की पहली वर्षगांठ पर सेना इसे स्वाभिमान महापंचायत के रूप में मनायेगी। एससी व एसटी एक्ट को समाप्त करने के लिए लखनउफ में आयोजित महापंचायत में इसका बिगुल पफूंका जायेगा। उनका कहना था कि लोकसभा, विधनसभा, नगर पालिका, नगर पंचायत व ग्राम पंचायत के चुनावों में एससी व एसटी आरक्षण को समाप्त किया जाए।
अमित ने बताया कि भारत में स्वर्ण, ब्राहमण, क्षत्रिय, मुस्लिम आदि पर एससी व एसटी एक्ट के सवा दो करोड़ पफर्जी मुकदमें है, जबकि उत्तर प्रदेश में 16 लाख मुकदमें मायावती राज में दर्ज हुए। ये सभी मुकदमें पफर्जी है, जो जाति सूचक शब्द कहने पर ही दर्ज हो गए। आरोप है कि मायावती ने दलितों को एक मुकदमा दर्ज कराने पर 25 हजार रफपये दिए। माया सरकार में एससी व एसटी को बढ़ावा मिला।
विभिन्न दलों का मिल रहा सहयोग-उन्होंने बताया कि महापंचायत को सपफल बनाने के लिए वे प्रदेश के अलग-अलग जिलों में जाकर लोगों को जोड़ने का काम कर रहे है। उन्होंने अब तक सैपफई, इटावा, जसवंतनगर, आगरा, पफरीदाबाद, मथुरा, दिल्ली, गाजियाबाद, मेरठ आदि शहरों में वे बैठक कर चुके है। अब 28 जून को बनारस, 11 जुलाई को बस्ती, 17 जुलाई को कानपुर, 14 जुलाई को सिद्वार्थनगर आदि जिलों में बैठकों का कार्यक्रम है। उन्होंने बताया आगामी 7 जुलाई को अमेठी में हल्ला बोल रैली आयोजित होगी और इसके बाद कानपुर में 3 जनसभाए आयोजित होगी।
अमित जानी ने बताया कि स्वाभिमान महापंचायत को सपफल बनाने के लिए उन्हें सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव व लोक निर्माण मंत्री शिवपाल यादव, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चैटाला सहित खाप पंचायतों तथा उलेमाओं का भी सहायोग मिल रहा है।
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