इसे अंग्रेजों की गुलाम मानसिकता कहें या बदला लेने की भावना या फिर तानाशाही दीवारों को फाँदती हुयी मरणासन्न हो रही दिमागी उपज। चौथे स्तम्भ का दर्जा प्राप्त मीडिया पर हमला बोलने के तो कई मामले आते रहते हैं मगर चंडीगढ़ में पत्रकारों पर हुये हमले का यह मामला एकदम अलग है। अपनी काली करतूतों को छिपाने और कमियों को बाहर न होने देने का दिमागी विकृत रूप उस समय देखने को मिला जब भवन में लगी आग पर कवरेज करने गए पत्रकार को वहाँ के कमांडों ने दौड़ा दौड़ा कर पीटा और वहा मौजूद्द पुलिसकर्मी मूकदर्शक बने देखते रहे, यही नहीं वहा खड़े पुलिस कर्मी भी इस घटना पर बीच-बचाव करने की जहमत तक नहीं उठाया।
चंडीगढ़, 9 जून : चंडीगढ़ में सेक्टर 17 स्थित एक भवन में आग लगने पर कवरेज करने गए पत्रकार पर कमांडो और पुलिस का चौतरफा हमला, पीड़ित
पत्रकार के ही खिलाफ पुलिस ने लिख दी एफआईआर।
आपरेशन सैल में तैनात एक कमांडो ने अपनी गुंडागर्दी की हदें पार करते हुए सैक्टर 17 में रविवार हुई आगजनी की घटना की कवरेज करने गए एक पत्रकार पर बुरी तरह हमला बोल दिया। हमला एक दैनिक अखबार के पत्रकार अविनाश पर हुआ। यही नहीं, उल्टा सैक्टर 17 थाना पुलिस ने कांस्टेबल की ही शिकायत पर अविनाश के खिलाफ पुलिसकर्मी को चोट पहुंचाने(आई.पी.सी. 323) व सरकारी कर्मी की ड्यूटी में आपराधिक तरीके से बाधा पहुंचाने (353) की धाराओं के तहत केस दर्ज कर दिया। वहीं मौके की तस्वीरों में साफ दिख रहा था कि शिकायतकत्र्ता आपरेशन सैल का कमांडो दीपक खुद घटनास्थल पर अपनी वर्दी का रौब दिखाता हुआ पत्रकार पर हावी हो रहा था। जिस समय यह घटना घटी उस समय चंडीगढ़ पुलिस के कुछ इंस्पैक्टर्स एवं डी.एस.पी. समेत एस.डी.एम.(सेंट्रल) व मीडियाकर्मी मौजूद थे। घटना दोहपर करीब साढ़े बारह बजे घटी। पत्रकार अविनाश के मुताबिक वह मौके पर इंस्पैक्टर जसविद्र सिंह से मिलने गया था। यहां मौके पर जैसे ही वह घटनास्थल की ओर जाने लगा, आपरेशन सैल में तैनात कांस्टेबल दीपक ने पीछे से आकर उसका कॉलर पकड़ उसे धक्का मारा। कांस्टेबल की इस अभद्रता का विरोध करने पर उल्टा कांस्टेबल ने गाली गलौच करते हुए अविनाश पर कार्बाइन के बट से हमला बोल दिया। उसके साथी कमांडोज ने उसे रोकने का प्रयास भी किया। घटना के बाद मौके पर आई.जी. आर.पी. उपाध्याय समेत एस.एस.पी. सुखचैन सिंह गिल एंव गृह सचिव भी पहुंचे। यहां मीडियाकíमयों द्वारा घटना की जानकारी इन वरिष्ठ अफसरों को देने के बाद उन्होंने उचित्त कार्रवाई की बात कही। इसके बाद मीडियाकíमयों ने घटना की तस्वीरें पुलिस हैडक्वार्टर जाकर एस.एस.पी. को दिखाई जिसके बावजूद पुलिस ने अविनाश पर आपराधिक धाराओं में यह केस दर्ज कर दिया। एस.एस.पी. ने मामले की जांच एस.पी.(सिटी) परमिंद्र सिंह को मार्क कर दी है।
प्रैस क्लब की तरफ से दैनिक अखबार के पत्रकार अविनाश पर हुए हमले की निंदा की हैं। इसके साथ ही मांग की गई है कि इस मामलें की आईजी द्वारा निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए। दोषी को सजा मिलनी चाहिए।
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