'No candle looses its light while lighting up another candle'So Never stop to helping Peoples in your life.

Post Top Ad

https://2.bp.blogspot.com/-dN9Drvus_i0/XJXz9DsZ8dI/AAAAAAAAP3Q/UQ9BfKgC_FcbnNNrfWxVJ-D4HqHTHpUAgCLcBGAs/s1600/banner-twitter.jpg

Sep 23, 2015

=> डॉक्टरों की सूची मांगने पर खामोश हो गये सीएमओ

सीएमओ ऑफिस की सांठ-गांठ से मौत बांट रहे हैं झोलाछाप, पंजीकृत डॉक्टरों की सूची देने से कतराये अधिकारी

हाय रे सिस्टम--------------------------------------------------------
कर्मचारियों की मनमानी बता, नहीं देते कोई जानकारी

सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं पर पलीता लगा रहे अधिकारी

बिजनौर। शासन द्वारा जनमानस को स्वास्थय सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए जनपद मुख्यालय से लेकर गांव तक सरकारी व्यवस्था उपलब्ध हैं परन्तु जन मानस को उन स्वास्थय सुविधाओं को प्रदान करने के लिये डॉक्टर द्वारा किये जा रहे लापरवाहीपूर्ण रवैये के कारण आम जन को लाभ नहीं मिल पा रहा है। साथ ही डॉक्टरों के अभाव में झोलाछाप डॉक्टरों पर आत्मनिर्भर होना पड़ रहा है। जबकि जिला मुख्यालय स्वास्थ विभाग के पास जनपद में मकड़ी की तरह अपना जाल बिछाये इन झोलाछाप डॉक्टरों का कोई भी रिकॉर्ड मौजूद नहीं हैं। साथ ही विभाग इस मामले को गम्भीरता से न लेकर जन मानस के साथ खिलवाड़ कर रहा है।
शासन द्वारा नगर व ग्रामीण अंचलों में स्वास्थय सुविधायें उपलब्ध कराने के लिये जगह-जगह प्राथमिक स्वास्थ केन्द्र सामुदायिक केन्द्र एंव उपकेन्द्र खोल रखे हैं। वर्तमान में जनपद बिजनौर के 11 विकास खण्डों में बने प्राथमिक स्वास्थय केन्द्र सामुदायिक केन्द्र एवं उपकेन्द्रों की हालत बद से बदतर हो गई है। इन केन्द्रों पर डॉक्टरों की जगह कही ंवार्डवाय तैनात हैं तो कहीं फार्मेसिस्ट, जो कि डॉक्टरों की जगह इन केन्द्रों को संचालित कर रहे हैं। यह जनमानस के स्वास्थय के साथ सरासर खिलवाड़ है तथा गांव-गांव, नगर, गली, मोहल्लों में यह झोलाछाप डॉक्टर बडी़-बड़ी डिग्रियों के बोर्ड लगाकर उनपर विभिन्न बीमारियों के उपचार करने संबंधी स्लोगन अंकित कराकर जनमानस का उपचार कर रहे हैं। 
वर्तमान में जनपद बिजनौर में लगातार चल रही एक अज्ञात बुखार की बीमारी से न जाने अब तक कितनी मौतें हो चुकी हैं। इन मौंते का कारण जिला स्वास्थय विभाग जनपद में मौजूद झोलाछाप डॉक्टरों के सर पर ठीकरा फोड़ रहा है। साथ ही स्वास्थय विभाग द्वारा न तो इन झोलाछाप डॉक्टरों की चेकिंग की जाती हैं और की भी जाती है तो चेकिंग के नाम पर स्वार्थ सिद्धी पूरी कर ली जाती है।

स्टॉफ मेरी कुछ नहीं सुनता: सीएमओ मनमोहन अग्रवाल

इस मामले में दैनिक सियासत की टीम ने सीएमओ मनमोहन अग्रवाल से झोलाछाप डॉक्टरों की पंजीकरण
सूची मांगी तो उन्होने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया उनके कार्यालय के बाबू इस मामले में उनका कोई सहयोग नहीं कर रहे हैं। जल्द ही चिन्हित कराकर इन झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ  कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। मजे की बात यह है कि जब सीएमओ को भी अपने कर्मचारियों की उपेक्षा का शिकार होना पड़ रहा है जो कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी के पद पर रहते हुए भी अपने कर्मचारियों पर शिकंजा कसने में नाकाम साबित हो रहे हैं। अब सवाल यह उठता है कि जब स्वास्थ विभाग के पास झोलाछाप चिकित्सकों की कोई जानकारी नहीं है तो दूसरी ओर आम जनमासन कैसे झोलाछाप व डिग्री धारक डॉक्टरों में अन्तर कर पायेगें। जनमानस के साथ हो रहे घिनौने खिलवाड का आखिर जिम्मेदार कौन है?

मेरठ में भी झोलाछाप की अधिकता

बिजनौर ही नहीं स्वास्थ्य सेवाओं के लिये जाना जाने वाला पश्चिमी उत्तर प्रदेश का एकमात्र स्थान मेरठ भी झोलाछाप के चंगुल में बुरी तरह फंस चुका है। यहां भी हर गली नुक्कड़ पर तमाम तरह के डॉक्टरों के वेशभूषा में बैठे झोलाछाप दिखाई पड़ जाते हैं जहां पर पहुंचकर आम आदमी अपने सेहत को बुरे दौर में ले जाने का निमंत्रण तो देता ही है साथ में अपनी जेब को भी ढ़ीला करने पर मजबूर हो जाता है। सिर्फ डॉक्टरों की ही बात नहीं यहां पर तो चिकित्सकों ने बकायदा अस्पतालों पर मौत बांटने वाले रेडियेशन का भी बंदोबस्त कर रखा हैै।

No comments:

Post Top Ad

Your Ad Spot

Pages