भाजपा में ‘उत्तर प्रदेश अध्यक्ष’ के ताजपोशी की घोषणा अन्तिम दौर में
त्रिनाथ मिश्र, मेरठ
अटकलों के दौर में भाजपा का सियासी पारा चढ़ता-उतरता प्रतीत हो रहा है यही नहीं भारतीय जनता पार्टी के नये प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में शामिल नेताओं के ललाट इस समय काफी चमकते हुये दिखाई पड़ रहे हैं। कारण है उनका ‘नये प्रदेश अध्यक्ष’ बनने की राह में ‘चर्चा का विषय’ होना।
अगर देखा जाये तो नये प्रदेश अध्यक्ष बनने की कहानी में भाजपा के कद्दावर नेताओं की माथापच्ची अब अपने अंतिम दौर में है। वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेयी, पंकज सिंह, स्वतंत्रदेव सिंह, रमाशंकर कठेरिया, संजय अग्रवाल, ये वो नाम हैं जिनकी चर्चा राजनीतिक-पण्डितों की जुबान पर चढ़ी हुई है।
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‘संघ’ शरणम् हैं ‘महत्वाकांक्षी’
सूत्रों के अनुसार कुछ महत्वकांक्षी राजनेता अध्यक्ष की राह में खुद को आगे साबित करने के लिये संघ की शरण में पड़े हुये हैं और वहीं से अपनी जोर आजमाइश कर रहे हैं। अब तो समय ही बतायेगा कि इसका असर कितना होगा। हलाकि लक्ष्मीकांत बाजपेयाी के कार्यकाल से लोग संतुष्ट नजर आ रहे हैं, मगर आलाकमान की नजरें इनायत का सवाल है। वैश्य समाज को भी इस बार भाजपा से काफी उम्मीदें हैं। देखना यह है कि होगा क्या?
स्वतंत्रदेव सिंह की चर्चा जोरों पर
भाजपा में उप्र के वर्तमान महामंत्री स्वतंत्रदेव सिंह को लेकर युवाओं और कार्यकर्ताओं में उत्साह देखा जा रहा है। १३ फरवरी १९६४ को मिर्जापुर में जन्में स्वतंत्रदेव सिंह भाजपा की विचारधारा को बखूबी आगे बढ़ाते हुये उत्तर प्रदेश में अपना अलग मुकाम हासिल कर चुके हैं। देखना यह है कि स्वतंत्रदेव सिंह के नाम पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की मुहर लगती है या फिर ‘राजनीतिक चक्रव्यूह’ में इन्हें ‘स्वतंत्र’ छोड़ दिया जाता है?
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